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Uzbekistan में कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत के बाद ऐक्शन में सरकार, दवा कम्पनी पर छापा

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नई दिल्लीः उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत पर ऐक्शन में आई केन्द्र सरकार ने जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया नजर बनाए हुए है। इस बीच केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग की एक टीम ने गुरुवार को नोएडा स्थित उस दवा कम्पनी के कार्यालय में छापा मारा, जिसकी खांसी की दवा कथित तौर पर पीने के बाद उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई।

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वहीं दवा कम्पनी के कार्यालय परिसर से कफ सिरप के नमूने लिए गए और परीक्षण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्पनी मैरियन बायोटेक, नोएडा सीडीएससीओ द्वारा बनाई गई खांसी की दवाई के संबंध में 27 दिसम्बर से उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के नियमित संपर्क में है। जांच की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारतीय दवा निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित एक कफ सिरप का सेवन करने से उनके देश में कम से कम 18 बच्चों की मौत हो गई है। इसका सेवन करने के बाद एक तीव्र श्वसन रोग से पीड़ित रोगी की भी मौत हो गई। कंपनी की वेबसाइट पर सर्दी और फ्लू के लक्षणों के उपचार के रूप में इस दवा की मार्केटिंग की जाती है। सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल मिला होता है, जिसे मंत्रालय ने एक जहरीला पदार्थ बताया है।

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